बेहतरीन बिजनेस प्लान क्या है और बिजनेस प्लान कैसे बनाएं | How to Make a Business Plan in Hindi



प्रिय पाठकों नमस्ते, आप जानते होंगे कि कोई काम करने से पहले उसकी स्टडी या उसके बारे में सोच विचार किया जाता है, तब जाकर उस काम में हाथ लगाते हैं. 


आइए दोस्तों, आज के इस पोस्ट में

बिजनेस प्लान क्या है और बिजनेस प्लान कैसे बनाएं –How to Make a Business Plan in Hindi पर बेहतरीन जानकारी पाने की कोशिश करें.



कोई भी काम बिना सोचे समझे नहीं होता है. अगर होता है तो रिजल्ट उसके विपरीत आता है तो अच्छे रिजल्ट पाने करने के लिए आपको योजना बनाना बहुत जरूरी हो जाता है. 



जब बात करें बिजनेस की तो यह तो काफी डिफिकल्ट कार्य है. पहले तो छोटी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई बार मुँह की खानी पड़ती है तो ऐसा ना हो तो इसके लिए आपके पास बिजनेस प्लान होना बहुत जरूरी हो जाता है.



कोई भी मनुष्य असफल होना नहीं चाहता है, चाहे वो कोई भी हो हमेशा पाने की इच्छा रखता है. 


अब बात आती है कि बिजनेस प्लान आखिर है क्या तो इसके लिए इस पोस्ट को बारीकी तरीका से पढ़े और समझे.


How to Make a Business Plan in Hindi
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बिजनेस प्लान क्या है- What is a Business Plan in Hindi


बिजनेस प्लान को तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. संगठन का फैलाव एवं मजबूती का सकारात्मक आशा देने वाली योजना मानी जाती है. 


बिजनेस प्लान अंग्रेजी शब्द है, इसे व्यवसाय योजना कहा जाता है. यह बिजनेस का मजबूती पक्ष है. औपचारिक रूप से लिखित प्रारूप है, जिसे दस्तावेज भी कहा जाता है.


इसमें बिजनेस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उद्देश्य, योजना, विश्वास, महत्वकांक्षी, नियम, बिजनेस का अनुभव लिखित रूप में दर्ज होता है और उस पर विचार विमर्श करके इन्हीं योजनाओं के अनुसार से उपलब्धियों को प्राप्त किया जाता है. 



लिखित दस्तावेज रहने से या बिजनेस प्लान लिखित रूप से रहने से कार्य सरल बन जाता है. 


हर समय सही दिशा मे ले जाने का यथासंभव सहायक होता है. बिजनेस के पुराने एवं नए नीतियां शामिल होती है और भविष्य में काम आने वाले दस्तावेज होती है जिसे कभी भी यूज किया जा सकता है. 



बिजनेस प्लान एक ऐसा लिखा हुआ दस्तावेज है, जिससे हर तरह के सुझाव अंकित की जाती है.



जिससे भविष्य में योजना पर काम किस तरह से होगा और गड़बड़ी होने पर उसे लिखित में तथा कुछ छूटे हुए महत्वपूर्ण बिन्दु को रिकवर किया जा सके. 


यही योजना बिजनेस को बढ़ाता है और सक्सेस बिजनेस का रिजल्ट देता है. 


वह हर महत्वपूर्ण चीज दर्ज की जाती है बिजनेस प्लान के दस्तावेज में जो शुरू से अंत तक सहायक बना रहता है. 


शुरु समय में सफलता मिलनी शुरु होती है तो कॉन्फिडेंस बढ़ता है, यही खुद पर भरोसा, विश्वास कायम बनाए रखता है.



बिजनेस प्लान कैसे बनाएं - How to Make a Business Plan in Hindi Language


बिजनेस प्लान के अंतर्गत बहुत सारी बातों का ध्यान दिया जाता है. सही दिशा एवं सही समय पर काम करने से आपके मन के अनुसार पूरा होता चला जाता है. 


ऐसा ना होने से आपको कभी भी परेशानी हो सकती है. 


इसलिए बिजनेस प्लान को क्रमबद्ध तरीके से एक एक को फॉलो करते हुए आगे बढ़ना एवं अप्लाई करना सपने को सकार करने जैसा है या मन के मुताबिक होना माना जाता है.


इसका यही मतलब होता है कि बिजनेस में आपका इंटरेस्ट बहुत ही ज्यादा है और आप कोई गलती या खामी को देखना नहीं चाहते हैं, शंका में पड़ना नहीं चाहते हैं. 


इसलिए बिजनेस प्लान आपका सटीक होना एवं सुंदर सजावट से लिखा होना अति आवश्यक हो जाता है. 


तब जाकर उस काम को भलीभांति कर पाएंगे. बिजनेस प्लान का क्रमबद्ध तरीका क्या है इसी बारे में विस्तार से जानेंगे.



बिजनेस प्लान का क्रमबद्ध तरीका 


1). एग्जीक्यूटिव समरी - 


बिजनेस प्लान का कॉमन बात का जिक्र इसमें किया जाता है इसे सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इससे सटीक और जरूरी निष्कर्ष निकाली जाती है. 


सारी योजना का एक छोटा सा सारांश जिसे लोग देखना चाहते हैं, पढ़ना चाहते हैं एवं अपनी चाहत को बढ़ाना चाहते हैं. 


पढ़ना कम पड़े और जानकारी स्पष्ट तरीके से मिल जाए जिससे बीच में किसी प्रकार की बाधा ना हो सके और रुकावट ना आए. इसीलिए इसे शुरू में ज्यादा नहीं लिखते बल्कि अंत हो जाता है. 


ब जाकर इसे अच्छी तरह से लिखते हैं इसे ज्यादा पेजो में नहीं लिखा जाता है



2). व्याख्या विवरण - 


बिजनेस प्लान के विवरण में ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी होती है, जिससे उसका मूल्यांकन किया जा सके.


इसी आधार पर बिजनेस का पूर्वानुमान लगाना शुरु करते हैं.


विवरण का मतलब यानी पूरी जानकारी का व्याख्या किया हुआ जिससे लाभ हानि एवं वर्तमान या भविष्य में होने वाले बिजनेस में पकड़ बना सके. इसे गहरी दोस्ती बनाई जाती है जिससे सुंदर ढंग से स्टडी करके विवरण किया जाता है.



बिजनेस और बिजनेस प्लान के बीच तालमेल बिठाया जाता है. सही होने से खुद पर विश्वास बढ़ता है और आगे चलकर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है. 


कस्टमर के मांग एवं ज्यादा प्रभावित करने वाला चीजों को आगे रखते हैं. 


विवरण को बिजनेस का एक ढांचा माना जाता है जिसे लक्ष्य को प्राप्त करने की चाहत रहती है



3). फोकस लक्ष्य - 


बिजनेस जब शुरू किया जाता है उसके पहले ही अपना फोकस बना लेनी चाहिए हैं. 


यह बिजनेस प्लान का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है क्योंकि बिजनेस में ध्यान केंद्रित करना बहुत जरूरी हो जाता है जिससे इसकी स्टडी के साथ साथ अनुभव हो सके.


यह एक्सपीरियंस आपको बिजनेस में बुलंदियों तक ले जा सकता है.


ध्यान केन्द्रित से ही आपका लक्ष्य निर्धारित करने में मदद मिलती है.


किसी भी सफल बिजनेसमैन के लिए लक्ष्य का होना बेहद जरूरी हो जाती है क्योंकि लक्ष्य को ही सफलता का प्रमाण माना जाता है. जिसके पास लक्ष्य एवं फोकस रहता है. 


यह एक अच्छे एवं बेहतर बिजनेस में बनते हैं. इसमें समय सीमा के अनुसार से भविष्य में होने वाले बिजनेस के बारे में पता कर सकते हैं. 


यह बिजनेस प्लान को आसान बना देता है और इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. फिर बाद में कुछ बदलाव कर उसे दोबारा शुरू किया जा सकता है.



4). प्रभाव का रणनीति - 


बिजनेस प्लान का महत्वपूर्ण हिस्सा रणनीति को माना जाता है. बिजनेस को लेकर नजरिया कैसा है कितने पहलुओं पर विचार कर रहे हैं आप सेवा कैसा देना चाहते हैं. 


ग्राहकों को प्रभावित करने के लिए आपका क्या प्लान है. आप दूसरी की भावनाओं को कैसे आदर करते हैं.


लोगों की राय पर कितना काम करते हैं लोगों की राय से पता चलता है कि आप अभी तक का सफर कितना किए हैं और जो कमी है उसे कितना भुला पाये है. आंतरिक कमी को महसूस कर उसे कितना जल्दी पूरा करते हैं. 


मार्केट की हवा से क्या पता चलता है उसी अनुसार से बिजनेस प्लान की रणनीति बेहतर करते हैं. 


ऐसी बहुत सारी रणनीति बनाते हैं जो आपको लाभ दें और सेवा का उत्पादन आसानी से  कैसे ग्राहकों तक पहुंचाया जा सके, जिससे लोग आकर्षित रहे और विश्वास बनायें रखें आपको पता होना चाहिए. 


यह रणनीति सीजन के अनुसार से मार्केट के अनुसार से ट्रेन्डिंग के अनुसार से या फिर जरूरत के अनुसार से रणनीति बनाई जाती है.


इसे विशेषज्ञ द्वारा या रणनीतिकार द्वारा रणनीति बनाई जाती है.



5). प्रबंधन एवं संचालन - 


आपको पता है कि जब बड़े बिजनेस की प्लान बना रहे है तो एक व्यक्ति सब चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे सकता या यूं कहें एक काम को सिंगल व्यक्ति हैंडल नहीं कर सकता है. 


क्योंकि अनेक प्रकार के समस्याएँ आते हैं. 


इसीलिए लाभ और हानि पर नजर रखने के लिए प्रबंधन एवं संचालन का होना बेहद जरूरी हो जाता है. क्योंकि यह रियल जिम्मेदारी वाला काम है. 


आपको बता दें कि देखभाल एवं सुरक्षा करने की जिम्मेदारी भी इन्ही के पास रहती है. 


बिजनेसमैन या बिजनेस प्रमोटर या निवेश करने वाला इन सभी को प्रबंधन एवं संचालन के माध्यम से मालूम चल सके कि आगे या भविष्य में किस आधार पर कार्य करने वाली है, जिससे निवेशक को किसी प्रकार की शंका ना रहे और सारे प्रश्न का जवाब संतुष्टि पूर्वक मिल सके.


इससे बिजनेस प्रमोटर को बात करने में आसानी होती है जिससे उनको इज्जत मिलती है. 

 


वार्तालाप करके उसे खुश करना और अपने बिजनेस की तारीफ कर उसे विश्वास दिलाना जिससे वे आकर्षित हो सके. 


इसके पास पूरे विभाग का कार्यभार दिया जाता है जिससे हर प्रकार की स्थिति को हैंडल कर सके.



6). विचार विमर्श प्रतिस्पर्धा - 


कहा जाता है जब तक तालमेल से काम ना किया जाए तो उस काम को करना मुश्किल हो जाता है. 


जब लोगों के विचार अलग-अलग होंगे तो उसका रिजल्ट भी अलग अलग ही आएगा यानी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाएगा. 


इसलिए बिजनेस प्लान में विचार-विमर्श और प्रतिस्पर्धा करना उतना ही जरूरी हो जाता है. 

जितना आप अपने से खुश रहते हैं.


यह एक मंच की तरह होता है इसमें अनेक विचारों को एक विचार में बदलकर उस पर कार्य किया जाता है, जिससे किसी को असंतुष्टि ना महसूस हो. 


इस समय किसी नतीजे पर पहुंचकर ताकत और कमियों को जानते हैं.


बेहतर रणनीति बनाने में मदद करती है. किसी समस्याओं का हल करने के लिए या कोई विपरीत कार्य हो जाने पर उसे बाहर निकलने के लिए इसका होना काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. 


सुझाव एवं विचारों का आदान प्रदान किया जाता है और एक दूसरे को सराहना भी करते हैं.



7). मेनिफेस्टो रोड मैप - 


बिजनेस प्लान को सफल बनाने में बिजनेस का विस्तार करना बेहद महत्वपूर्ण विषय हो जाती है. 


इसलिए एक-एक करके क्रमबद्ध तरीके से प्लान बनाई जाती है. 


क्या आप के मुताबिक हो पाया है या नहीं अगर नहीं हो पाया है. 


तब कारण क्या है, कहां कमी हुई है, गलत कहां हुआ है. इससे सही दिशा का पता चलता है और उसी दिशा में आगे बढ़ते रहते हैं. 


इससे समय की बचत होती है और काम में रुकावट नहीं आती है जिससे रुकने का या पीछे हटने का वजन नहीं मिलता है. 


इसीलिए बिजनेस का प्लानिंग हमारी कामों को तेज एवं बेहतरीन तरीके से करने में कारगर साबित होती है. 


रेखांकित एवं चित्रांकित किया हुआ हमारी नजरों को आकर्षित करती है. इसमें सवाल खड़ा होने की कोई गुंजाइश नहीं रहती है. 


उपलब्धता क्वालिटी में कितना काम हो रहा है. किस-किस आधार पर तैयार किया जा रहा है. ये सब पर ध्यान दिया जाता है.



8). डिजाइन एवं डेवलपमेंट - 


बिजनेस प्लान में शामिल करने के लिए यह आवश्यक हो जाता है, क्योंकि यह एक सुंदर एवं आकर्षण वाला डिजाइन आंतरिक भावनाओं को महसूस कराती है. 


जिससे उत्पाद का लेखा-जोखा विवरण विभिन्न तरह के डिजाइन चार्ट शामिल रहते हैं . ये डिजाइन एवं डेवलपमेंट का मतलब होता है. 


निवेशक को उत्पादन से जुड़े या प्रोडक्ट के थ्रू से जानकारी मिल पाए, जिससे पैसा लगाकर सब खरीद सके. 


लोग तभी निवेश करेंगे जब उन्हें पूरा विश्वास हो जाएगा. 


इसका डिजाइन सब कुछ सही है इसका उत्पादित वस्तुओं का उपयोग कर इसकी तारीफ करेगे जिससे ग्राहकों में आंतरिक इच्छा जागती है. यह प्रोडक्ट किसके लिए है और कितना प्राइस है. 


यह सब अंकित रहता है, डिजाइन सही एवं स्पष्ट होने से इसकी मांग भी बढ़ती है.



9). उत्पाद एवं उत्पादन - 


वस्तु एवं सेवा का उत्पादन करने के लिए ही बिजनेस किया जाता है. इसलिए बिजनेस प्लान में उत्पाद एवं उत्पादन को एवं महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है. 


क्वालिटी एवं क्वांटिटी कितना है और इसकी कीमत कितना है. इन सब पर भी नजर रखा जाता है. 


उत्पाद एवं उत्पादन से ही बिजनेस बढ़ता है इसलिए ग्राहकों के प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए जांच निरीक्षण जाने के बाद सर्टिफिकेट मिलता है. 


उसी से पता चलता है कि यह कितना सही है. उत्पादन क्षमता एवं भंडारण क्षमता काफी अधिक होनी चाहिए.



10). वार्षिक बजट - 


आप बिजनेस करते हैं तो बड़ा बजट या वार्षिक बजट होनी चाहिए, क्योंकि यह बड़े स्तर पर किया जाता है. 


शुरू से लेकर अंत तक पैसा को निवेश करने की आवश्यकता होती है. हर प्रकार छोटी बड़ी जरूरत को पूरा करने में मदद करती है. 



पूरे साल का बजट कितना है, कितना खर्च करना चाहते हैं. उसी अनुसार से ही आपको लाभ मिलता है, इसे बिजनेस प्लान बिजनेस की ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए की जाती है. 


बिजनेस का मकसद यह होता है जितना बजट रहेगा उसी के अनुसार फंड देगा और भविष्य की योजना बनाने में सरलता होगी. 


इसी वार्षिक बजट का होना अति आवश्यक है. बिजनेस बढ़ाने में अहम योगदान देती है.



आपने क्या सीखा और समझा :-


प्रिय पाठकों, हमारी हमेंशा कोशिश यही रहती है कि आप हर एक पोस्ट के माध्यम से कुछ सीख जरूर लेते जाए. हमें पूरी उम्मीद है कि इस बिजनेस प्लान क्या है और बिजनेस प्लान कैसे बनाएं - How to Make a Business Plan in Hindi पोस्ट आपको थोड़ा ही सही लेकिन ज्ञान जरूर दिया होगा.

 

अपना बहुमूल्य कीमती समय देकर कुछ बिजनेस से संबंधित सीखने और समझने की जिज्ञासा को शांत करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.


हँसते रहिए और मुस्कुराते हुए बिजनेस के माध्यम से अपने देश को सशक्त बनाने का प्रयास जारी रखें.


फिर से नई उत्साह के साथ फिर नई ब्लॉग पोस्ट के द्वारा मुलाकात करते हैं, तब तक के लिए धन्यवाद.

 

TecheeBusiness.Com में बिजनेस से संबंधित जानकारी के लिए दुबारा जरूर आपका स्वागत रहेगा.




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